Royalarc Electrodes IPO: धीमी लिस्टिंग के बाद रफ्तार पकड़ने की कोशिश, निवेशकों की नजरें टिकी
Royalarc Electrodes ने स्टॉक मार्केट में दस्तक दे दी है, और अब निवेशकों की नजर इसकी ग्रोथ पर टिकी है! वेल्डिंग कंज्यूमेबल्स बनाने वाली इस कंपनी ने IPO के जरिए नए शेयर जारी किए और साथ ही ऑफर फॉर सेल से भी पूंजी जुटाई। बड़ा सवाल यह है—क्या इसकी कारोबारी सेहत निवेशकों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी, या बाजार में इसे और परीक्षा देनी होगी?

फीकी लिस्टिंग, लेकिन उम्मीद बाकी?
Royalarc Electrodes ने शेयर बाजार में एंट्री तो कर ली, लेकिन बिना किसी धमाके के। NSE SME पर इसका स्टॉक 120 रुपये के इश्यू प्राइस पर ही लिस्ट हुआ, जिससे निवेशकों को कोई शुरुआती लिस्टिंग गेन नहीं मिला। हालांकि, दिनभर शेयर ने थोड़ा ऊपर जाने की कोशिश की और 122.50 रुपये तक पहुंचा, लेकिन फिर गिरकर 121.50 रुपये पर बंद हुआ। यानी, पहले ही दिन निवेशकों को सिर्फ 1.25% का मामूली फायदा मिला।
IPO में निवेशकों का मिला-जुला रिस्पॉन्स
Royalarc Electrodes के IPO को ओवरऑल 1.6 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जो दिखाता है कि निवेशकों का रिस्पॉन्स बहुत जबरदस्त नहीं था। खुदरा निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई और उनका हिस्सा 2.2 गुना भरा, जबकि क्यूआईबी (QIB) ने 1.04 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) ने केवल 0.92 गुना ही आवेदन किया। यह साफ इशारा करता है कि बड़े निवेशकों की इस IPO में ज्यादा रुचि नहीं थी।
जुटाए गए फंड का कहां होगा इस्तेमाल?
इस IPO के तहत कंपनी ने 21.60 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए, जबकि 12 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल के जरिए बेचे गए। ऑफर फॉर सेल से जुटाई गई रकम कंपनी को नहीं, बल्कि शेयरहोल्डर्स को मिली। वहीं, नए शेयरों से आए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के विस्तार, वर्किंग कैपिटल और दूसरे कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी। खासकर गुजरात के उंबरगांव वलसाड के जरोली गांव में कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है।
28 साल पुरानी कंपनी, लगातार ग्रोथ
Royalarc Electrodes कोई नई कंपनी नहीं है, बल्कि इसकी नींव 1996 में रखी गई थी। यह वेल्डिंग इलेक्ट्रोड्स, फ्लक्स कोर्ड वायर और एमआईजी/टीआईजी वायर्स जैसे इंडस्ट्रियल कंज्यूमेबल्स बनाती है। बीते कुछ सालों में कंपनी की फाइनेंशियल सेहत लगातार बेहतर हुई है।
मुनाफे में जबरदस्त उछाल
कंपनी के मुनाफे की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुआ है। वित्त वर्ष 2022 में इसे महज 2.12 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था, जो अगले साल 2023 में 9.57 करोड़ रुपये और 2024 में बढ़कर 11.93 करोड़ रुपये हो गया। इसी दौरान कंपनी का रेवेन्यू भी सालाना 24% की CAGR से बढ़कर 100.99 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
चालू वित्त वर्ष में कैसी रही परफॉर्मेंस?
अगर वित्त वर्ष 2024-25 के पहले छह महीनों की बात करें, तो अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान कंपनी ने 3.18 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया और 46.06 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया। यानी, कंपनी की ग्रोथ बरकरार है, लेकिन निवेशकों को लॉन्ग टर्म में कितना फायदा मिलेगा, यह बाजार की चाल पर निर्भर करेगा।
आगे क्या होगा?
पहले दिन की सुस्त लिस्टिंग के बावजूद Royalarc Electrodes के शेयरों में धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने की क्षमता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स को कंपनी की ग्रोथ, मैन्युफैक्चरिंग विस्तार और बढ़ते रेवेन्यू पर नजर रखनी होगी। अगर कंपनी आने वाले वर्षों में अपने प्रॉफिट और सेल्स को इसी रफ्तार से बढ़ाने में कामयाब रही, तो यह स्टॉक धीरे-धीरे मजबूत पकड़ बना सकता है।
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