तमिलनाडु सरकार ने बजट से हटाया ₹ का सिंबल, अब ‘ரூ’ का इस्तेमाल

संक्षेप:-
तमिलनाडु सरकार ने बजट दस्तावेजों में ₹ के स्थान पर तमिल लिपि में ‘ரூ’ सिंबल का उपयोग किया, जिसे भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने की पहल बताया जा रहा है। इस फैसले पर राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया है, जहां विपक्ष इसे राष्ट्रीय प्रतीकों से छेड़छाड़ मान रहा है।

तमिलनाडु सरकार द्वारा बजट दस्तावेज में ₹ की जगह ‘ரூ’ सिंबल का उपयोग।
तमिलनाडु सरकार ने बजट में ₹ सिंबल हटाकर तमिल लिपि में ‘ரூ’ का इस्तेमाल किया, जिससे भाषा संरक्षण और राजनीतिक बहस दोनों छिड़ गए हैं।

तमिलनाडु सरकार ने राज्य के बजट दस्तावेजों में एक बड़ा बदलाव करते हुए ₹ (रुपया) के आधिकारिक सिंबल को हटा दिया है। इसकी जगह अब तमिल लिपि में ‘ரூ’ (रू) का प्रयोग किया जाएगा। सरकार के इस कदम को तमिल भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रयास माना जा रहा है।

इससे पहले, पूरे देश में सरकारी बजट दस्तावेजों में ₹ का ही इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन स्टालिन सरकार ने इसे बदलकर पहली बार अपने बजट में ‘ரூ’ प्रतीक को शामिल किया है। डीएमके सरकार का कहना है कि यह फैसला तमिल भाषा की समृद्ध विरासत और पहचान को मजबूत करने के लिए लिया गया है।

हालांकि, इस फैसले को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह एक अनावश्यक विवाद खड़ा करने की कोशिश है और राष्ट्रीय प्रतीकों से छेड़छाड़ उचित नहीं है। बीजेपी और एआईएडीएमके ने इसका विरोध किया है, जबकि डीएमके समर्थकों ने इसे तमिल गौरव का प्रतीक बताया है।

तमिलनाडु में भाषा विवाद पहले भी चर्चा में रहा है। हिंदी थोपने के विरोध में यहां कई बार आंदोलन हो चुके हैं। अब ₹ के स्थान पर ‘ரூ’ के इस्तेमाल को भी भाषा और पहचान से जोड़कर देखा जा रहा है।

फिलहाल, यह बदलाव सिर्फ तमिलनाडु के बजट दस्तावेजों में किया गया है, लेकिन यह सवाल उठने लगा है कि क्या भविष्य में अन्य राज्य भी इसी तरह अपने स्थानीय भाषाई प्रतीकों को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

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