टाटा स्टील ने सिंगापुर यूनिट में बढ़ाई हिस्सेदारी, 10,727 करोड़ रुपये में हुआ बड़ा निवेश
संक्षेप:-
टाटा स्टील ने अपनी सिंगापुर स्थित सहायक कंपनी टी स्टील होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड में 10,727 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह राशि विदेशी कर्ज चुकाने और टाटा स्टील यूके के पुनर्गठन में इस्तेमाल होगी। इससे पहले भी कंपनी ने अगस्त 2024 और पिछले हफ्ते इसी यूनिट में निवेश किया था। ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, टाटा स्टील के शेयरों में 8.4% तक की संभावित बढ़त देखी जा सकती है।

क्या है पूरा मामला?
टाटा स्टील ने 788.5 करोड़ शेयर खरीदे हैं, जिनकी फेस वैल्यू $0.157 प्रति शेयर है। कुल मिलाकर, यह सौदा $1.238 बिलियन (10,726.85 करोड़ रुपये) का है। हालांकि, इस निवेश के बाद भी टी स्टील होल्डिंग्स पूरी तरह टाटा स्टील के स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनी रहेगी।
इससे पहले भी टाटा स्टील ने अपनी इस यूनिट में निवेश किया था। पिछले हफ्ते, कंपनी ने 2,603.2 करोड़ रुपये का निवेश किया था, और अगस्त 2024 में, उसने 2,348 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीदी थी। लगातार हो रहे इन निवेशों से साफ है कि टाटा स्टील अपने विदेशी कारोबार को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।
इस सौदे का मकसद क्या है?
कंपनी के अनुसार, यह धनराशि मुख्य रूप से दो प्रमुख उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होगी। पहला, बाहरी कर्ज चुकाने के लिए – टाटा स्टील की विदेशी कंपनियों पर कुछ कर्ज है, जिसे कम करने के लिए यह निवेश किया गया है। दूसरा, टाटा स्टील यूके की री-स्ट्रक्चरिंग में मदद करने के लिए – ब्रिटेन में स्थित टाटा स्टील की यूनिट के पुनर्गठन में यह राशि महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
टी स्टील होल्डिंग्स: टाटा स्टील के विदेशी निवेश का जरिया
टी स्टील होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 5 जुलाई 2006 को सिंगापुर में हुई थी। इसका मुख्य काम टाटा स्टील के विदेशी निवेशों का प्रबंधन करना है। इसके तहत, टाटा स्टील अपने अंतरराष्ट्रीय कारोबार को इसी कंपनी के जरिए फंड करता है।
टाटा स्टील के शेयर पर असर
इस बड़े सौदे के बावजूद, टाटा स्टील के शेयरों में कोई बड़ी तेजी नहीं दिखी। एनएसई पर टाटा स्टील का शेयर 0.42% गिरकर 137.07 रुपये पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी के शेयर 5.76% तक गिर चुके हैं। हालांकि, विश्लेषकों को उम्मीद है कि आगे यह स्टॉक 8.4% तक ऊपर जा सकता है।
ब्रोकरेज हाउस का नजरिया
35 प्रमुख विश्लेषकों में से 21 ने ‘खरीदें’ (BUY) की सलाह दी है, जबकि 8 ने ‘होल्ड’ (HOLD) और 6 ने ‘बेचने’ (SELL) का सुझाव दिया है। इसका मतलब है कि बाजार के जानकारों को कंपनी के आगे बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन अभी निवेशकों को सतर्क रहने की भी सलाह दी जा रही है।
आगे क्या?
टाटा स्टील लगातार अपने अंतरराष्ट्रीय कारोबार को मजबूत करने और वित्तीय सेहत सुधारने के लिए रणनीतिक कदम उठा रही है। निवेशकों की नजर अब इस बात पर होगी कि यह सौदा कंपनी के शेयरों पर किस तरह का असर डालता है। वहीं, टाटा स्टील के सीईओ टीवी नरेंद्रन ने भी हाल ही में सरकार से स्टील सेक्टर में बढ़ते आयात पर रोक लगाने की मांग की है, जिससे घरेलू कंपनियों को फायदा मिल सके।
कुल मिलाकर, टाटा स्टील का यह कदम उसके वैश्विक विस्तार और वित्तीय स्थिरता की ओर एक मजबूत संकेत देता है। अब देखना होगा कि आने वाले महीनों में यह रणनीति कितना असर दिखाती है और क्या यह टाटा स्टील को बाजार में और ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद कर पाती है या नहीं।
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