UPI ने बनाया नया रिकॉर्ड: जनवरी में 16.99 बिलियन ट्रांजैक्शन, डिजिटल पेमेंट में ऐतिहासिक उछाल

जनवरी 2025 में UPI ने 16.99 अरब ट्रांजैक्शन के साथ ₹23.48 लाख करोड़ का नया रिकॉर्ड बनाया। P2M ट्रांजैक्शन का योगदान 62.35% रहा, जिसमें 86% भुगतान ₹500 से कम के थे। 641 बैंक और 80+ UPI ऐप्स के साथ यह सिस्टम लगातार बढ़ रहा है। सरकार और NPCI इसे और उन्नत बनाने में जुटे हैं, जिससे डिजिटल पेमेंट का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा।
UPI ट्रांजैक्शन ग्रोथ ग्राफ, जनवरी 2025 में रिकॉर्ड 16.99 अरब लेनदेन दिखाते हुए।
भारत में डिजिटल पेमेंट का क्रांतिकारी बदलाव जारी है, और इस बार UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। जनवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन्स ने 16.99 बिलियन का आंकड़ा पार कर लिया, जिसका कुल मूल्य ₹23.48 लाख करोड़ से भी ज्यादा रहा। यह किसी भी महीने में अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

UPI का जलवा बरकरार

अगर बात करें डिजिटल लेन-देन की, तो UPI आज भारत का सबसे पसंदीदा पेमेंट मोड बन चुका है। यह अकेले 80% रिटेल पेमेंट्स का हिस्सा रखता है, जो इसकी लोकप्रियता को साफ दिखाता है। वर्तमान में 641 से अधिक बैंक और 80+ UPI ऐप्स इस सिस्टम का हिस्सा बन चुके हैं, जिससे ट्रांजैक्शन्स की संख्या लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है।

2023-24 में कितना बढ़ा UPI

सिर्फ जनवरी का ही नहीं, बल्कि पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी UPI ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। कुल मिलाकर इस साल अब तक 131 बिलियन से ज्यादा ट्रांजैक्शन हो चुके हैं, और इनका कुल मूल्य ₹200 लाख करोड़ से भी अधिक पहुंच गया है। यानी लोग अब नकद लेन-देन से ज्यादा डिजिटल पेमेंट को तरजीह देने लगे हैं।

छोटे भुगतान में UPI की बढ़ती पकड़

जनवरी 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, People to Merchant (P2M) ट्रांजैक्शन्स का योगदान 62.35% रहा, जबकि Person to Person (P2P) ट्रांजैक्शन्स 37.65% पर रहे। दिलचस्प बात यह है कि इन P2M ट्रांजैक्शन्स में 86% ट्रांजैक्शन ₹500 से कम के थे। यह साफ दिखाता है कि लोग अब छोटी-छोटी खरीदारी के लिए भी UPI पर पूरी तरह भरोसा करने लगे हैं।

आसान, तेज़ और भरोसेमंद – यही है UPI की ताकत

UPI की लोकप्रियता के पीछे उसकी तेज़ स्पीड, आसान इस्तेमाल और सुरक्षा सबसे बड़ी वजहें हैं। आज के समय में किराने की दुकान से लेकर बड़े ब्रांड्स तक हर जगह QR कोड स्कैन करके पेमेंट करना आम बात हो गई है। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि कई देशों में भी UPI जैसी टेक्नोलॉजी अपनाने की मांग बढ़ रही है।

UPI का यह शानदार सफर यहीं नहीं रुकेगा। आने वाले समय में इसमें कई और फीचर्स जुड़ सकते हैं, जिससे डिजिटल पेमेंट्स का अनुभव और बेहतर होगा। सरकार और NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) लगातार इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए काम कर रहे हैं।

तो अगली बार जब आप सिर्फ ₹10 का भी पेमेंट करें, तो समझ लीजिए कि आप भी इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बन चुके हैं!

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