Walmart समर्थित PhonePe अगले हफ्ते मेगा IPO की तैयारी में, $15 अरब वैल्यूएशन का लक्ष्य!

संक्षेप:-
PhonePe जल्द ही अपना ₹1.25 लाख करोड़ वैल्यूएशन वाला मेगा IPO लॉन्च करने जा रहा है, जिससे यह भारत के सबसे बड़े टेक IPOs में शामिल होगा। कंपनी ने Kotak Mahindra Capital, JP Morgan, Citi और Morgan Stanley को एडवाइजर नियुक्त किया है। UPI पेमेंट्स में 48% मार्केट शेयर रखने वाली इस फिनटेक दिग्गज ने FY24 में ₹5,064 करोड़ का रेवेन्यू और ₹197 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया है। यह IPO भारत के डिजिटल फाइनेंस सेक्टर के लिए एक नया माइलस्टोन साबित हो सकता है।

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भारत का डिजिटल पेमेंट्स सेगमेंट एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है, और इस बदलाव का अगला बड़ा कदम है PhonePe का IPO। Walmart-समर्थित यह कंपनी, जो कि भारत के UPI पेमेंट्स में सबसे बड़ा खिलाड़ी है, अब अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) की तैयारी कर रही है। कंपनी की अनुमानित वैल्यूएशन $15 बिलियन (₹1.25 लाख करोड़) तक हो सकती है, जो इसे भारत के सबसे बड़े टेक IPOs में से एक बना देगा।

PhonePe की इस लिस्टिंग को सिर्फ एक फंडरेजिंग इवेंट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह भारत के डिजिटल फाइनेंस इकोसिस्टम के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है। Paytm के बाद PhonePe दूसरी बड़ी फिनटेक कंपनी होगी जो भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होगी। कंपनी ने पहले ही Kotak Mahindra Capital, JP Morgan, Citi और Morgan Stanley को बतौर इनवेस्टमेंट बैंकिंग एडवाइजर नियुक्त कर लिया है। यदि जरूरत पड़ी, तो और एडवाइजर भी जोड़े जा सकते हैं।

PhonePe का विजन क्या है?

PhonePe की इस IPO योजना के पीछे कई महत्वपूर्ण रणनीतिक वजहें हैं। पहला, कंपनी अब सिर्फ एक पेमेंट्स प्लेटफॉर्म नहीं रहना चाहती, बल्कि इसे एक फुल-स्टैक फिनटेक कंपनी बनाना चाहती है। पिछले कुछ सालों में PhonePe ने इंश्योरेंस, लोन, इन्वेस्टमेंट और ई-कॉमर्स जैसे कई नए क्षेत्रों में कदम रखा है।

PhonePe ने Indus Appstore नामक एक नया ऐप स्टोर लॉन्च किया है, जो Google Play Store को टक्कर देने के लिए तैयार है। साथ ही, कंपनी का “Pincode” ऐप ONDC (Open Network for Digital Commerce) के जरिए लोकल बिजनेस को ऑनलाइन लाने का काम कर रहा है। इस तरह, PhonePe अपने बिजनेस को पेमेंट्स से आगे बढ़ाकर एक मल्टी-सर्विस प्लेटफॉर्म बनाने में जुटा हुआ है।

मुनाफे की ओर बढ़ते कदम

किसी भी IPO से पहले निवेशक कंपनी के फाइनेंशियल परफॉर्मेंस को जरूर देखते हैं। PhonePe ने इस मोर्चे पर जबर्दस्त ग्रोथ दर्ज की है

  • FY24 में कंपनी का रेवेन्यू ₹5,064 करोड़ पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 73% ज्यादा है।
  • PhonePe ने ₹197 करोड़ का प्रॉफिट दर्ज किया, जबकि पिछले साल ₹738 करोड़ का घाटा हुआ था।
  • PhonePe का कुल फंडिंग अमाउंट ₹18,000 करोड़ से ज्यादा है, जिसमें Walmart, Microsoft, General Atlantic, Tiger Global, Tencent और Qatar Investment Authority जैसे बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी है।

इन आंकड़ों से साफ है कि कंपनी अब केवल ग्रोथ ही नहीं बल्कि प्रॉफिटेबिलिटी की ओर भी ध्यान दे रही है, जो कि किसी भी पब्लिक कंपनी के लिए सबसे जरूरी फैक्टर होता है।

PhonePe vs Paytm: IPO के लिए कौन बेहतर स्थिति में है?

जब भी कोई फिनटेक IPO की चर्चा होती है, तो निवेशकों का ध्यान अपने-आप Paytm की ओर चला जाता है। Paytm का IPO 2021 में लॉन्च हुआ था, लेकिन शुरुआत में शेयर लिस्टिंग के बाद गिरावट का शिकार हो गया। हालांकि, अब पिछले एक साल में Paytm का स्टॉक 72% तक चढ़ चुका है, जिससे निवेशकों का भरोसा थोड़ा बढ़ा है।

लेकिन PhonePe का मॉडल Paytm से काफी अलग है।

PhonePe vs Paytm तुलना
फैक्टरPhonePePaytm
मार्केट शेयर (UPI)48%15%
प्रॉफिटेबिलिटी₹197 करोड़ (FY24)घाटे में
कोर बिजनेसUPI, फिनटेक, इंश्योरेंस, ONDCपेमेंट्स, लोन, इंश्योरेंस
मेन इन्वेस्टरWalmart, MicrosoftSoftBank, Ant Group

नए निवेशकों के लिए मौका या जोखिम?

अब सवाल उठता है—क्या PhonePe का IPO नए निवेशकों के लिए एक अच्छा मौका साबित होगा? इसके कई पहलू हैं:

पॉजिटिव फैक्टर्स:

  1. डिजिटल पेमेंट्स का बढ़ता बाजार: भारत में UPI ट्रांजैक्शंस हर साल नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।
  2. मजबूत इन्वेस्टर बैकिंग: Walmart जैसी ग्लोबल कंपनी का सपोर्ट होने से स्टेबिलिटी की उम्मीद ज्यादा है।
  3. फायदे में कंपनी: IPO से पहले प्रॉफिट में आना निवेशकों के लिए अच्छी खबर है।

संभावित जोखिम:

  1. UPI का 30% मार्केट शेयर लिमिट: NPCI ने एक नियम बनाया है कि कोई भी नॉन-बैंक पेमेंट ऐप 30% से ज्यादा मार्केट शेयर नहीं रख सकता। फिलहाल PhonePe और Google Pay दोनों इस लिमिट से ऊपर हैं, और यह भविष्य में कंपनी की ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है।
  2. बाजार में प्रतिस्पर्धा: Paytm, Google Pay और WhatsApp Pay जैसी कंपनियां PhonePe के लिए कॉम्पिटिशन खड़ी कर सकती हैं।
  3. IPO के बाद शेयर पर दबाव: पहले भी Paytm जैसे IPOs के बाद शेयर में गिरावट आई थी, जिससे निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

PhonePe का भविष्य: सिर्फ भारत ही नहीं, ग्लोबल प्लेयर भी

PhonePe अब सिर्फ भारतीय बाजार तक सीमित नहीं रहना चाहता। कंपनी पहले ही सिंगापुर, UAE, नेपाल, श्रीलंका, भूटान और मॉरीशस में UPI पेमेंट्स को एक्सपैंड कर चुकी है।

कंपनी के पास 53 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स और 20 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर्स हैं। हर महीने 770 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन प्रोसेस होते हैं, जिनका कुल वैल्यू ₹10.5 लाख करोड़ तक पहुंचता है। यह दर्शाता है कि कंपनी भारतीय फिनटेक इंडस्ट्री का असली बादशाह है।

PhonePe का IPO क्यों खास है?

PhonePe का IPO न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारत के डिजिटल फाइनेंस सेगमेंट के लिए भी एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। निवेशकों को इस IPO से काफी उम्मीदें होंगी, लेकिन बाजार की अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना जरूरी होगा।

अगर आप स्टॉक मार्केट और फिनटेक सेक्टर में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह IPO आपकी वॉचलिस्ट में जरूर होना चाहिए! 🚀💰

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