टाटा कैपिटल IPO: सितंबर में धमाकेदार एंट्री, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका
टाटा ग्रुप की एक और कंपनी शेयर बाजार में एंट्री के लिए तैयार है! टाटा कैपिटल ने अपने IPO को हरी झंडी दे दी है, जिससे निवेशकों को एक नया मौका मिलने वाला है। इस ऑफर के तहत कंपनी 23 करोड़ नए शेयर जारी करेगी, जबकि मौजूदा शेयरधारक भी अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने जा रहे हैं।

टाटा कैपिटल IPO: टाटा ग्रुप की एक और कंपनी की धांसू एंट्री!
टाटा ग्रुप की एक और बड़ी कंपनी अब शेयर बाजार में उतरने के लिए तैयार है। टाटा कैपिटल ने अपने इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) को हरी झंडी दे दी है, जिससे निवेशकों के लिए एक बड़ा मौका बनने वाला है। इस आईपीओ के तहत कंपनी 23 करोड़ नए शेयर जारी करेगी, जबकि मौजूदा शेयरधारक भी अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने जा रहे हैं। इसके अलावा, कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स इश्यू के जरिए 1,504 करोड़ रुपये तक के शेयर देने की योजना बना रही है।
टाटा टेक्नोलॉजीज के बाद टाटा कैपिटल की बारी
साल 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की धमाकेदार लिस्टिंग के बाद, टाटा कैपिटल टाटा ग्रुप की पहली कंपनी होगी, जो आईपीओ लेकर आएगी। पहले भी इस IPO को लेकर कई चर्चाएं थीं, और 24 दिसंबर को मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि टाटा कैपिटल 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का IPO लॉन्च करने की योजना बना रही है। अगर यह आईपीओ सफल रहा, तो यह बाजार में टाटा ग्रुप की मजबूती को और बढ़ाएगा।
बड़े नाम जुड़े हैं इस आईपीओ से
इस IPO को सही दिशा देने के लिए टाटा कैपिटल ने सिरिल अमरचंद मंगलदास और कोटक महिंद्रा कैपिटल को बतौर सलाहकार हायर किया है। इन बड़े नामों के जुड़ने से साफ है कि कंपनी इस IPO को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी कर रही है। बाजार के जानकारों का मानना है कि यह आईपीओ निवेशकों के लिए शानदार रिटर्न दे सकता है।
आरबीआई के नियमों की वजह से लाना पड़ा आईपीओ
टाटा कैपिटल को यह IPO किसी रणनीतिक योजना के तहत नहीं, बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों की वजह से लाना पड़ रहा है। दरअसल, आरबीआई ने टाटा कैपिटल को ‘अपर लेयर’ वाली NBFC कंपनियों की लिस्ट में रखा है, और इस कैटेगरी में आने वाली कंपनियों को तीन साल के भीतर खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराना अनिवार्य होता है। टाटा कैपिटल को सितंबर 2025 तक इस नियम का पालन करना ही होगा।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस की शानदार लिस्टिंग से उम्मीदें बढ़ीं
इससे पहले, बजाज हाउसिंग फाइनेंस को भी इसी नियम के तहत 16 सितंबर 2023 को लिस्ट होना पड़ा था। कंपनी की लिस्टिंग बेहद शानदार रही थी, और पहले ही दिन निवेशकों को 135% का जबरदस्त रिटर्न मिला था। इसी वजह से टाटा कैपिटल के आईपीओ से भी बाजार को काफी उम्मीदें हैं।
टाटा कैपिटल की ताकत क्या है?
टाटा कैपिटल, टाटा ग्रुप की एक प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज (NBFC) कंपनी है। यह टाटा संस की सहायक कंपनी है और फाइनेंस सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ रखती है। क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक टाटा कैपिटल का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 1,58,479 करोड़ रुपये था।
टाटा कैपिटल में टाटा संस की कितनी हिस्सेदारी?
टाटा कैपिटल लिमिटेड में टाटा संस की सीधे तौर पर 92.83% हिस्सेदारी है, जबकि बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की दूसरी कंपनियों और ट्रस्टों के पास है। इससे साफ है कि टाटा कैपिटल टाटा ग्रुप का एक मजबूत हिस्सा है और इसकी लिस्टिंग से ग्रुप को भी बड़ा फायदा होगा।
क्या निवेशकों को करना चाहिए इस आईपीओ में निवेश?
अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो टाटा कैपिटल का IPO एक शानदार मौका हो सकता है। टाटा ब्रांड की विश्वसनीयता, कंपनी की मजबूत बैलेंस शीट और फाइनेंस सेक्टर में तेजी को देखते हुए, यह IPO बाजार में धमाल मचा सकता है। निवेश से पहले जरूर अपनी रिसर्च करें और एक्सपर्ट्स की राय लें। 🚀
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