Ola Electric में 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी, शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंचा

संक्षेप में :-
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 5% गिरकर ₹53.71 के 52-सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए, क्योंकि कंपनी ने घाटे को कम करने के लिए 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है। यह पिछले पांच महीनों में दूसरी बार छंटनी हुई है। कंपनी की फरवरी सेल्स 25,000 यूनिट्स रही, जो 50,000 के लक्ष्य से काफी कम है। निवेशकों की चिंता बढ़ रही है क्योंकि शेयर अपने ऑल-टाइम हाई से 66% गिर चुका है।

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में गिरावट और कर्मचारियों की छंटनी की खबर।

भारत की प्रमुख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता Ola Electric इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही है। सोमवार, 3 मार्च को कंपनी के शेयरों में 5% की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह ₹53.71 तक लुढ़क गया। यह इसकी 52 हफ्तों की सबसे निचली कीमत है। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह कंपनी द्वारा 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की खबरें बताई जा रही हैं।

ओला इलेक्ट्रिक, जिसे स्टार्टअप जगत का बड़ा खिलाड़ी माना जाता है, पिछले कुछ समय से आर्थिक दिक्कतों से जूझ रही है। घाटे को कम करने और लागत को नियंत्रित करने के लिए कंपनी ने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी का फैसला लिया है। यह छंटनी लगभग कंपनी के कुल 4,000 कर्मचारियों के 25% हिस्से को प्रभावित करेगी।

पांच महीनों में दूसरी बार छंटनी

यह पहली बार नहीं है जब ओला इलेक्ट्रिक ने कर्मचारियों की छंटनी की है। नवंबर 2024 में भी कंपनी ने 500 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था। इससे यह साफ जाहिर होता है कि कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को संतुलित करने के लिए लगातार लागत में कटौती कर रही है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह रणनीति लंबे समय तक काम करेगी? बार-बार छंटनी से न सिर्फ कर्मचारियों का मनोबल गिरता है, बल्कि यह निवेशकों और ग्राहकों के बीच भी नकारात्मक संदेश भेजता है।

किन विभागों में हुई छंटनी?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, यह छंटनी कई विभागों में की गई है, जिनमें प्रोक्योरमेंट (खरीद), फुलफिलमेंट, कस्टमर रिलेशन, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, फ्रंट-एंड सेल्स, सर्विस और वेयरहाउस स्टाफ शामिल हैं। इसके अलावा, ओला अपने शोरूम और सर्विस सेंटरों से भी स्टाफ को हटा रही है, क्योंकि कंपनी अपनी लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी रणनीति को दोबारा बना रही है।

सेल्स उम्मीद से कम

कंपनी ने बताया कि फरवरी में उसने 25,000 से ज्यादा ईवी स्कूटर्स बेचे और बाजार में 28% हिस्सेदारी हासिल की। हालांकि, यह संख्या कंपनी के संस्थापक भाविश अग्रवाल द्वारा बताए गए 50,000 यूनिट्स के टारगेट से काफी कम रही। ओला इलेक्ट्रिक को मुनाफे की ओर बढ़ने के लिए इस लक्ष्य को पार करना जरूरी था।

IPO के बाद से भारी गिरावट

ओला इलेक्ट्रिक का स्टॉक 5.36% गिरकर ₹53.71 पर पहुंच गया, जो इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर है। अगस्त 2024 में लिस्टिंग के बाद से यह शेयर 29% गिर चुका है, क्योंकि इसका IPO प्राइस ₹76 था। वहीं, अपने ऑल-टाइम हाई ₹157.53 से यह स्टॉक अब तक 66% नीचे आ चुका है।


ओला इलेक्ट्रिक फिलहाल अपने खर्चों को कम करने और ऑपरेशन को अधिक कुशल बनाने पर फोकस कर रही है। हालांकि, बार-बार छंटनी और कमजोर सेल्स से निवेशकों का भरोसा कम होता दिख रहा है। अब यह देखना होगा कि कंपनी आने वाले महीनों में अपनी रणनीति में क्या बदलाव करती है और इसका असर उसके शेयरों और बाजार की धारणा पर कैसा पड़ता है।

सम्बंधित ख़बरें

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Scroll to Top