शेयर बाजार की ऐतिहासिक गिरावट से LIC को ₹1.5 लाख करोड़ का नुकसान

संक्षेप:-
2025 में शेयर बाजार की गिरावट से LIC को ₹1.5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। ITC, TCS, Infosys और SBI जैसे बड़े स्टॉक्स में भारी गिरावट आई। FIIs की बिकवाली और निफ्टी में गिरावट ने दबाव बढ़ाया, जबकि कुछ स्टॉक्स ने मजबूती दिखाई। आगे बाजार की दिशा निवेशकों की धारणा और वैश्विक हालात पर निर्भर करेगी।

LIC को 2025 में शेयर बाजार की भारी गिरावट से ₹1.5 लाख करोड़ का नुकसान।
भारत की सबसे बड़ी घरेलू संस्थागत निवेशक, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), 2025 के बाजार संकट में बुरी तरह फंस गई है। पिछले दो महीनों में LIC के इक्विटी पोर्टफोलियो का मूल्य ₹1.45 लाख करोड़ घट गया है। दिसंबर 2024 में यह ₹14.9 लाख करोड़ था, जो फरवरी 2025 के अंत तक ₹13.4 लाख करोड़ पर आ गया। यह हाल के वर्षों में LIC के लिए सबसे बड़ा मार्क-टू-मार्केट नुकसान माना जा रहा है।

बड़ी कंपनियों में गिरावट

LIC के सबसे बड़े स्टॉक्स में से एक ITC में 18% की गिरावट से कंपनी को ₹17,000 करोड़ का झटका लगा। टेक कंपनियों में, TCS और Infosys ने भी भारी गिरावट देखी। LIC की TCS में 4.75% और Infosys में 10.58% हिस्सेदारी है, लेकिन इन शेयरों के गिरने से क्रमशः ₹10,509 करोड़ और ₹7,640 करोड़ का नुकसान हुआ।

बैंकिंग सेक्टर में भी LIC को बड़ा झटका लगा। SBI में 9.13% और ICICI बैंक में 7.14% हिस्सेदारी रखने वाली LIC को इन दोनों बैंकों में ₹8,568 करोड़ और ₹3,179 करोड़ का नुकसान हुआ। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ने सबसे खराब प्रदर्शन किया, जिसकी कीमत 30.5% गिरने से LIC को ₹3,546 करोड़ का घाटा हुआ। अन्य नुकसान झेलने वाले प्रमुख शेयरों में L&T, HCL Tech, M&M, Adani Ports और JSW Energy शामिल हैं, जो दो अंकों की गिरावट से प्रभावित हुए।

LIC का पोर्टफोलियो गहरे संकट में

LIC का इक्विटी पोर्टफोलियो 310 से अधिक कंपनियों में फैला हुआ है, जहां इसका 1% या उससे अधिक का निवेश है। लेकिन इस गिरावट से लगभग सभी सेक्टर्स प्रभावित हुए हैं। LIC के सबसे मूल्यवान निवेशों में शामिल Reliance Industries (₹1,03,727 करोड़), ITC (₹75,780 करोड़), Infosys (₹67,055 करोड़), HDFC Bank (₹62,814 करोड़), TCS (₹59,857 करोड़), SBI (₹55,597 करोड़) और L&T (₹54,215 करोड़) भी गिरावट की मार झेल रहे हैं।

हालांकि, इस गिरावट के बीच कुछ शेयरों ने LIC को राहत दी है। Bajaj Finance, Kotak Mahindra Bank, Maruti Suzuki, Bajaj Finserv और SBI Cards ने मजबूती दिखाई है और बाजार की गिरावट के बावजूद सकारात्मक रिटर्न दिया है।

आगे क्या?

बाजार की मौजूदा स्थिति और विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली को देखते हुए LIC के लिए आगे की राह कठिन हो सकती है। पिछले पांच महीनों में FIIs ने भारतीय शेयर बाजार में ₹3 लाख करोड़ की बिकवाली की है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।

Kotak Institutional Equities का मानना है कि इस साल निफ्टी में सीमित उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा, जबकि Citi Research ने अनुमान लगाया है कि दिसंबर 2025 तक निफ्टी 26,000 के स्तर तक रिकवर हो सकता है, जिससे लगभग 13% का उछाल संभव होगा। वहीं, Morgan Stanley को उम्मीद है कि भारत अपनी मजबूत आर्थिक स्थिरता और बढ़ती खपत के कारण उभरते बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा।

LIC की इस चुनौतीपूर्ण माहौल में रणनीति और निवेश नीति को लेकर बाजार की नजरें टिकी रहेंगी, क्योंकि इसकी स्थिति न केवल कंपनी बल्कि लाखों पॉलिसीधारकों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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