Chamunda Electricals IPO: धमाकेदार एंट्री के साथ तगड़ा झटका, लिस्टिंग पर सीधे लोअर सर्किट
चामुंडा इलेक्ट्रिकल्स हाई-वोल्टेज सबस्टेशन ओएंडएम, टेस्टिंग, कमीशनिंग और सोलर पावर जेनेरेशन के बिजनेस में है, जिसे IPO में जबरदस्त निवेशक रिस्पांस मिला था। कंपनी ने केवल नए शेयर जारी किए, लेकिन लिस्टिंग के साथ ही इसका स्टॉक लोअर सर्किट में चला गया, जिससे निवेशकों को तगड़ा झटका लगा। अब सवाल यह है कि कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ कैसी है और IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग कैसे किया जाएगा?

Chamunda Electricals IPO: शानदार एंट्री के बाद निवेशकों को झटका!
Chamunda Electricals का ₹14.60 करोड़ का IPO जबरदस्त चर्चा में रहा, जिसे निवेशकों का बेहतरीन रिस्पांस मिला। 4-6 फरवरी के बीच खुले इस IPO को ओवरऑल 737 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था। लेकिन लिस्टिंग के बाद शेयरों में उतार-चढ़ाव ने निवेशकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
लिस्टिंग गेन के बाद लोअर सर्किट
आज NSE SME पर चामुंडा इलेक्ट्रिकल्स के शेयरों की लिस्टिंग 70 रुपये पर हुई, जिससे निवेशकों को 40% का तगड़ा लिस्टिंग गेन मिला। हालांकि, यह तेजी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई, और शेयर टूटकर 66.50 रुपये के लोअर सर्किट पर आ गया। इसका मतलब है कि IPO निवेशक अब सिर्फ 33% के मुनाफे पर रह गए हैं।
IPO को जबरदस्त रिस्पांस मिला था
IPO को निवेशकों की जबरदस्त दिलचस्पी मिली, खासकर क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 155.85 गुना भरा गया। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) के लिए यह 1,943.09 गुना और खुदरा निवेशकों के लिए 554.13 गुना सब्सक्राइब हुआ। इतनी भारी मांग के बावजूद, लिस्टिंग के बाद का उतार-चढ़ाव निवेशकों को चिंता में डाल सकता है।
IPO से जुटाए फंड का कैसे होगा इस्तेमाल?
Chamunda Electricals ने IPO से जुटाए गए पैसों का उपयोग नए टेस्टिंग किट और इक्विपमेंट्स की खरीदारी, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों, टर्म लोन और कैश क्रेडिट को चुकाने के अलावा इश्यू से जुड़े खर्चों को कवर करने में करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, कंपनी अपने कॉर्पोरेट उद्देश्यों को भी मजबूत करने के लिए इस राशि का इस्तेमाल करेगी।
कंपनी के बिजनेस मॉडल पर एक नजर
2013 में स्थापित चामुंडा इलेक्ट्रिकल्स हाई-वोल्टेज सबस्टेशन के O&M (ऑपरेशन और मेंटेनेंस), टेस्टिंग और कमीशनिंग के साथ-साथ 1.5 मेगावाट सोलर पावर जेनेरेशन के कारोबार में है। कंपनी मुख्य रूप से इलेक्ट्रिकल सब-स्टेशंस की टेस्टिंग, ओएंडएम और कमीशनिंग के साथ सोलर पावर जेनेरेशन पार्क सेटअप का काम करती है।
वित्तीय सेहत में जबरदस्त सुधार
वित्तीय सेहत की बात करें तो 2022 में कंपनी को 51 लाख रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, लेकिन 2023 में यह 31 लाख रुपये के मुनाफे में आ गई। 2024 में कंपनी का मुनाफा तेजी से बढ़कर 2.44 करोड़ रुपये हो गया, जबकि सालाना रेवेन्यू 33% CAGR की दर से बढ़कर 18.43 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक कंपनी 2.81 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 18.43 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज कर चुकी है।
आगे की रणनीति और निवेशकों के लिए संकेत
IPO के शानदार रिस्पांस के बावजूद, लिस्टिंग के बाद शेयरों में उतार-चढ़ाव दिखा, जिससे निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। हालांकि, कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार दिख रहा है और इसके बिजनेस मॉडल में ग्रोथ की संभावना बनी हुई है। अगर कंपनी अपनी योजनाओं पर सही तरह से काम करती है, तो लंबे समय में यह निवेशकों के लिए अच्छा रिटर्न दे सकती है।
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