सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका! Airtel-Vodafone की AGR याचिका खारिज, शेयर धड़ाम

सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की AGR बकाया गणना में त्रुटि सुधारने की याचिका खारिज कर दी, जिससे कंपनियों को बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि AGR बकाया की पुनर्गणना संभव नहीं होगी। इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया और एयरटेल के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले भी 2021, 2022 और 2023 में कंपनियों की इसी मामले में याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। इस बीच, केंद्र सरकार AGR बकाया में आंशिक राहत देने पर विचार कर रही है, जिससे दूरसंचार कंपनियों को कुछ राहत मिल सकती है।
elecom News
शुक्रवार को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित अन्य कंपनियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया। ये याचिकाएं समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया की गणना में हुई कथित त्रुटियों को सुधारने के लिए दायर की गई थीं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 2021 में दिए गए उसके पूर्व निर्णय को बरकरार रखा गया है, जिससे कंपनियों के पास अब कोई और कानूनी विकल्प नहीं बचा है।

दूरसंचार कंपनियों की आपत्तियां और कोर्ट का फैसला

दूरसंचार कंपनियों का तर्क था कि दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा की गई AGR बकाया की गणना में गंभीर त्रुटियां हुई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग ने उन भुगतानों को ध्यान में नहीं रखा, जो कंपनियों ने पहले ही कर दिए थे, जिससे बकाया राशि जरूरत से ज्यादा दिख रही थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस दावे को खारिज करते हुए किसी भी पुनर्गणना की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

AGR बकाया विवाद और पिछला न्यायिक घटनाक्रम

यह विवाद काफी पुराना है और पिछले कई वर्षों से जारी है। जुलाई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने एजीआर बकाया की गणना में हुई गलतियों को ठीक करने की मांग की थी। कंपनियों का दावा था कि गलत गणना के कारण उनकी देनदारी ₹1 लाख करोड़ से अधिक हो गई है।

इसके बाद सितंबर 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर AGR बकाया की पुनर्गणना की मांग को अस्वीकार कर दिया था। इससे पहले 2022 में, जब कंपनियों ने अपने सुधारात्मक याचिकाओं (Curative Petitions) की सुनवाई खुले कोर्ट में करने का अनुरोध किया था, तब भी सर्वोच्च न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था।

AGR बकाया में छूट पर सरकार का प्रस्ताव

हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि केंद्र सरकार दूरसंचार कंपनियों के AGR बकाया को लेकर बड़ी राहत देने पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर रही थी, जिसके तहत दूरसंचार कंपनियों के कुल AGR बकाया का 50% ब्याज और 100% जुर्माना तथा जुर्माने पर लगने वाला ब्याज माफ किया जा सकता है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद AGR बकाया में भारी वृद्धि हुई थी, जिसके कारण दूरसंचार कंपनियों पर बड़ा वित्तीय दबाव पड़ा।

शेयर बाजार पर प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के तुरंत बाद दूरसंचार कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई। वोडाफोन आइडिया के शेयर 4.16% की गिरावट के साथ ₹8.29 प्रति शेयर तक पहुंच गए, जबकि भारती एयरटेल के शेयरों में 0.51% की गिरावट आई और यह ₹1,705.00 प्रति शेयर तक लुढ़क गए।

शुक्रवार सुबह 11:35 बजे तक वोडाफोन आइडिया के शेयर 4.05% की गिरावट के साथ ₹8.30 प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे, जबकि भारती एयरटेल के शेयर 0.15% की गिरावट के साथ ₹1,711.10 प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।

AGR बकाया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का यह सख्त रवैया दूरसंचार कंपनियों के लिए एक और झटका साबित हुआ है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार अपने संभावित राहत पैकेज को लेकर क्या कदम उठाती है और इसका दूरसंचार उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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